पलकों के पीछे भी, कोई एक कहानी है
धुंधली तस्वीरों को, देनी जिंदगानी है
खुबसूरत फूलों पे, भंवर ज्यूँ मंडराता है
शाम ज्यूँ ढलने लगे, दिल भी तब घबराता है
तन्हाई रातों की, आनी और जानी है
धुंधली तस्वीरों को, देनी जिंदगानी है
क्षितिज के दो राहों पे, ख्वाब है दिलकश कई
परछाई को जो बांध ले, डोर वो मुमकिन नहीं
आँखों से आँखों की, बातें रह जानी है
धुंधली तस्वीरों को, देनी जिंदगानी है
Saturday, November 13, 2010
Sunday, August 22, 2010
अगर कह नहीं सकू तुमसे......!!!!!
अगर कह नहीं सकू तुमसे, क्यू धरकन जुदा है इस दिल से
क्यू मिलती नहीं नजरो से नज़र, सब कुछ तो कहा इन आँखों ने
हुस्न की वादिया ये शबनम भरी, धुप में भी है लाती बरसात को
तेरे रहते जरुरत लगती नहीं, चांदनी की सारी कायनात को,
क्यू धरकन में है नयी हलचल, क्यू खोया है दिल अब हरपल
क्यू मिलती नहीं नजरो से नज़र, सब कुछ तो कहा इन आँखों ने
रात दिन दिल ये खोया हुआ, अजनबी ये कैसा एहसास है
रंग फिजा के हुए फिर से गहरे, ख्वाबो में भी जाने कुछ ख़ास है
क्यू मिलती नहीं नजरो से नज़र, सब कुछ तो कहा इन आँखों ने
हुस्न की वादिया ये शबनम भरी, धुप में भी है लाती बरसात को
तेरे रहते जरुरत लगती नहीं, चांदनी की सारी कायनात को,
क्यू धरकन में है नयी हलचल, क्यू खोया है दिल अब हरपल
क्यू मिलती नहीं नजरो से नज़र, सब कुछ तो कहा इन आँखों ने
रात दिन दिल ये खोया हुआ, अजनबी ये कैसा एहसास है
रंग फिजा के हुए फिर से गहरे, ख्वाबो में भी जाने कुछ ख़ास है
क्यू आँखों में वो तस्वीर है, इश्क में खींचती जंजीर है
क्यूँ मुहब्बत हुई है मुझे इस कदर, सब कुछ तो कहा इन आँखों ने
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